गणतंत्र दिवस की 65 वीं वर्षगांठ पर आप सबको बहुत बहुत बधाई और शुभकामनाएं ………
गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं ,,,,
देश के लिए भी मशविरा करिये,
गुलामी का जख्म नही हरा करिये
े
शह और मात के खेल तबाहियाँ,
दाँव-पेंच से तो कभी डरा करिये
मत दान में देना देश की अस्मत
फैसला अब तो सही खरा करिये
े
जान दे दी देशहित में शहीदों ने,
देश के लिए ही जिया-मरा करिये
े
कैसे दिखेगी ऐसे जमीनी हकीकत,
कभी धरती पर भी उतरा करिये
-------- निरुपमा मिश्रा "नीरु"
दूरदर्शन देख रहा हूँ । आज तक मिले सुर मेरा तुम्हारा की टक्कर का एक भी गीत न बन सका । न जाने क्यों ?
जुल्मों को तेरे हम हँस हँस के सह गये
अब इससे ज्यादा क्या शराफ़त होती है
मेरी आन तिरंगा है
मेरी जान तिरंगा है
मेरी शान तिरंगा है
अभिमान तिरंगा है
स्वाभिमान तिरंगा है
तहे दिल से तमन्ना है तिरंगा के तरानों का
सभी लोगों को मिल पाते नये अवसर उड़ानों का
मगर अफसोस कितने घर में चूल्हे भी नहीं जलते,
वतन सबका बराबर है नहीं बस कुछ घरानों का
भारत एक येड़ा प्रधान देश है। जिसपर नॉन येड़ाओं का शासन है।
लोग 'आँख लगने' को
कहते हैं सो जाना
पर
जबसे आँख लगी है
तड़प रहा हूँ मैं सोने को
जनता अपना भला नहीं जानती। वो जिस मुद्दे को अहमियत दे रही है, वो असली मुद्दा नहीं है। असली मुद्दा हम जानते हैं। पर जनता हमारी बात नहीं समझती। जनता को शिक्षित करने की ज़रूरत है। जब तक जनता शिक्षित नहीं होती तब तक मैं जनता का विरोध करता हूँ।
न जाने क्या सोच के मुस्कराती
तो कभी आँखे छलछला जाती
दूर छितिज को ताकती नितांत अकेली
वो जीती है कल्पनाओं में वो निजपल
जो कभी आये ही नहीं जीवन में
-----दिव्या
मित्रों, आज खूब नारा लगाइए, शपथ लीजिए, भाषण सुनिए-सुनाइए, झाँकी देखिए और पिकनिक मनाइए। कल से फिर काम पर लगना है। आपके लिए गणतंत्र दिवस शुभ हो। हार्दिक शुभकामनाएँ।
क्या बिना नहाये गणतंत्र दिवस देखना/ शामिल होना - अपराध है, कहीं भी संविधान में ऐसा लिखा है ?
सौ में सत्तर आदमी फ़िलहाल जब नाशाद है
दिल पे रख के हाथ कहिए देश क्या आज़ाद है।# वंदे मातरम्
बुलंदी पर रहो बेशक धरा पर भी नज़र रखना
यहीं आना है इक दिन ध्यान में तुम ये खबर रखना
जो कहते हो उसे तुम आचरण में भी रखो साथी
ज़माना सिर बिठाएगा हमेशा ये हुनर रखना
अन्धेरा लाख आ जाये मगर टिकता नहीं ज़यादा
ज़रा-सा हौसला रखना, खयालों में 'सहर' रखना
यहाँ हिम्मत है किसकी जो डिगा दे तुमको ईमाँ से
अरे फौलाद हो तुम, एक फौलादी ज़िगर रखना
हमेशा मैं ही मैं करते हुए यह ज़िंदगी कब तक ?
तुम्हारे साथ हैं माँ-बाप उनकी भी फिकर रखना