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बुधवार, 28 सितंबर 2011

फ़ेसबुक पर इन दिनों ....कुछ बतकही , कुछ कनसुनी


अम्बे जय दुर्गे मैया
दिव्य जोत जगा दो माँ
दर्स अपना दिखला दो माँ
जीवन सफ़ल बना दो माँ
अपनी भक्ति का संचार करो
शक्ति से बेडापार करो
आवागमन मिटा दो माँ
दर्स अपना दिखला दो माँ


माता रानी आपकी सभी मनोकामनाये पूर्ण करें और अपनी भक्ति और शक्ति से आपके ह्रदय मे अपनी ज्योति जगायें…………सबके लिये नवरात्रि शुभ हों





मनमोहन ने कहा - सारी साजिशों को नाकाम करते हुए पूरे पांच साल तक राज करूँगा...... आपका क्या कहना है ??




सोचा था,
कि तुझे मिटा दूँ,
खुद ही मिट गया,
तेरी रहगुजर के चलते...



मौको कहा खोजो बन्दे, मै तो तेरे पास में!
नहीं खाल में, नहीं पूछ में!
ना हड्डी ना मास में!मौको कहा खोजो........
खोजी हो तो, तुरत ही मिलियो!
पलभर क़ी तलाश में! मौको कहा खोजो........
ना मै कौनो क्रिया कर्म में!
ना काबे, कैलाश में! मौको कहा खोजो..........





माँ दुर्गा आपको अपनी नौ भुजाओ से :
1. बल
2. बुद्धि
3. ऐश्वर्य
4. सुख
5. स्वस्थ्य
6. दौलत
7. अभिजीत
8. निर्भीकता
9. सम्पन्नता
प्रदान करे
जय माता जी की


  • मेरी इन आंखों में तुम्हें प्यार दिखता है,
    मेरे गालों को बार-बार चूमने का मन करता है ,
    मेरे ओंठ गुलाब की पंखुडियों से भी कोमल लगते होंगे शायद
    कि तुम चूमने तक से डरते होंगे,
    हाथ तुम्हें रुई की फहों की तरह लगते होंगे और
    पैर जमीन को छूकर छिल न जाए,डरते होगे इससे,
    मुझे किसी की नजर न लग जाए,
    अभी दादी काला टीका लगा देगी
    मेरी मां हड्डियों को मजबूत करने के लिए रोज मालिश करेगी
    लेकिन जो मेरी इन आंखों में प्यार के बजाय
    मर्दों के प्रति घृणा दिख जाए
    मेरे गालों पर कमोल भावों के बजाय प्रतिरोध की रेखाएं उभर जाए,
    मेरे ओंठ बचपन में मिले गुलाबीपन को बनाए रखने के लिए
    लिपिस्टिक से रंगने के बजाय,
    अस्वीकार के स्वर बुदबुदाने लग जाए,
    हाथों में कलछी,बेलन की जगह माउस और कीबोर्ड थम जाए,
    मेरे पैर उन बस्तियों में बार-बार जाने का मन करे,
    जहां जाने से सभ्य समाज के बच्चे अक्सर गंदे हो जाते हैं,
    दादी के काले टीके को बेखोफ होकर
    गली,सड़कों पर घूम-घूमकर बेअसर करने लग जाउं,
    मां की मजबूत की हुई हड्डियां किचन के बजाय
    स्टडी टेबल पर टिक जाए तो
    मेरी स्टडी टेबल के चारों तरफ मेडीकल,
    इंजीनियरिंग,एमबीए के जाल तो नहीं
    बुनने लगोगे पापा,
    मैं जो सिमोन जैसी बनना चाहूं, ग्राम्शी जैसा सोचना चाहूं
    तुम करियर का हवाला देकर ऐसा करने से रोकोगे तो नहीं नहीं न
    पापा तुम तब भी मुझे उतना ही प्यार करोगे न,
    बोलो न,उतना ही न,जितना कि आज
    मेरी इस कोमल काया पर रीझ-रीझकर कर रहे हो?...
    तुम्हारे भीतर का मर्द बाप तब नहीं दहाडेगा न
    आपकी बेटी-गिरि प्रिया(जब तक आपलोग मेरा कोई नाम नहीं रखते)
    ..गिरीन्द्र और प्रिया की प्यारी बेटी के लिए





चरागों से,
अब रौशनी नहीं होती,
बस आग है
और धुआं निकलता है...



  • NDTV ने कितने दिनों तक पटोदी के देहावसान का शोक मनाया और सीएनएन आईबीएन अज़हरुद्दीन के बेटे की असमायिक मृत्यु पर कई दिनों तक शोकाकुल रहा। यही सम्वेदनशीलता राजबाला की मृत्यु पर क्यों नहीं दिखी ? क्या सेक्युलर होने का यही मतलब है? क्या यह प्रश्न उठाकर मै साम्प्रादायिक तत्वों की श्रेणी में हूं ??



  • भारत के घोटाला चैम्पियनों को खुला चैलेंज-है कोई माई का लाल जो इससे बड़ा घोटाला करके दिखाए?


  • तो होश करो ,दिल्ली के देवो,होश करो,
    सब दिन तो यह मोहिनी न चलने वाली है;
    होती जाती है गर्म दिशाओं की सांसें,
    मिट्टी फिर कोई आग उगलने वाली है !
    -----राष्ट्रकवि रामधारी सिंह'दिनकर',1954

    ‎''हम सब देशवासियो की आन-ओ-शान, साक्षात माँ सरस्वती का जिन पर हाथ, आओ सब मिलकर दे उन्हे जन्मदिन की 'मुबारकबात'.....
    भारत रत्न माननीय लता मंगेश्कर जी को उनके जन्मदिवस की हार्दिक शुभकामनऎ....







दिल्ली को अब हादसों की आदत हो गई है , कुछ न कुछ हो रहा है हर रोज़ ,
ज़लज़ले से बच जाते हैं मकान यहां , एक ठेकेदार सब कुछ कर देता ज़मींदोज़



  • जो मुझे बस उसके 'मोहल्ले ' में ही 'बदनाम' करता रहा...खुश हूँ ..'उसी' के 'शहर' में ही मैंने अपना 'नाम' कमाया..:)))


सभी मित्रों को नवरात्रि की हार्दिक शुभकामनायें. माँ दुर्गा सब पर अपनी कृपा बनाए रखे.



या देवी सर्वभूतेषु शक्ति रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै, नमस्तस्यै, नमस्तस्यै नमो नमः।।
प्रेम से बोलो ***जय माता की ***जय माता की ....


लोग कहते हैं कि प्रार्थना/दुआ में बहुत असर होता है!
शायद आप भी इस बात को मानते होंगे, मगर मैं नहीं मानता;
क्योंकि अगर प्रार्थना/ दुआ में असर होता तो यह सारे भ्रष्ट नेता जिन्दा कैसे घूम रहे हैं?



  • लाइन में लगे दो लोगों की बातचीत में सुनाई पडा:

    "पहले लोग चाल में रहते थे, आजकल फ्लैट में रहते हैं"



  • सब ठाठ पड़ा रह जायेगा
    जब लाद चलेगा बंजारा



मंगलवार, 6 सितंबर 2011

कुछ चेहरे यूं कहने लगे .....फ़ेसबुक अपडेट





देखिए कि आजकल दोस्त क्या फ़रमा रहे हैं ...



कुछ नहीं गले का पट्टा खोल दिया है, इसलिये फ़िर से भोंकना शुरू हो गया है।
 
केश फॉर नोट कांड में बिकाऊ लोग व दलाल तो फंस गए पर खरीददार नहीं फंसे आखिर खरीददार पवित्र परिवार के नुमाइंदे जो ठहरे !!!
 


अपनी तो आशिक़ी का किस्सा ए मुख़्तसर है
हम जा मिले ख़ुदा से दिलवर बदल-बदलकर।
 



मेरे सब्र के लिए मुझे थैंक्यू तो बोल
तेरा नंबर तो है, मगर एक काल भी नहीं


बहुत आवश्‍यक, मोस्‍ट अर्जेन्‍ट : रागी कहां मिलेगी या मिलेगा। दक्षिणी दिल्‍ली में हो तो बेहतर। नेहरू प्‍लेस के पास हो तो बहुत बेहतर। वैसे यह कर्नाटक में मिलता है। दिल्‍ली में कहां कहां पर मिलता है मालूम नहीं परंतु चाहिए। डॉक्‍टर ने बतलाया है।
 
फेस बुक पर अपनी पुरानी हरकतें, अपनी वाल पोस्ट और अपने कमेंट्स देख कर अपनी बेवकूफी पर हँसी भी आती है और शर्मिंदगी का अहसास भी होता है.

ये मुई फेस बुक भी असल जिन्दगी का रुप अख्तियार कर रही है.

अपने ही कर्म और अपना ही लेखन पीछा करते हैं, शर्मिन्दा करते हैं, दुख का कारण बनते हैं..

मेरी नज़र में तो लेखन ही लेखक का चरित्र निर्धारण भी करते हैं...काफी हद तक!!

इसी से सीख लेकर अब भी सुधर जायें तो भविष्य में सुकून मिले. वर्तमान ही भविष्य में भूत होगा.

कहीं चैन नहीं- जाऊँ तो जाऊँ कहाँ!!!!


(तस्वीर: खुद से शर्मिंदा, बेचैन और लजाते हुए समीर लाल 'समीर')
 
 
दिल से जो बात निकलती है ,असर रखती है
पर नहीं , ताक़ते - परवाज़ मगर रखती है
 
 
मुझे तो ऊँचा सुनता ही था, लगता है कि भगवान को मुझसे भी ऊँचा सुनता है. काश, उन्हें कुछ कम ऊंचा सुनता तो मेरा सर कद्दू ना बना होता!
 

मैंने प्रेमिका से साफ़ तौर पर कहा की मैं इससे ज्यादा कुछ नहीं हूँ. लेकिन वो मुझमे संभावनाएं तलाशती रही. मैंने कविताओं से भी यही कहा. और उनका रवैया भी प्रेमिका जैसा रहा.
- देवी प्रसाद मिश्र (साभार- जलसा )
 

आजकल बुखार के साथ जानलेवा पीलिया का प्रकोप चल रहा है.... कृपया फिल्टर्ड पानी पीएं, खाने की शुद्धता पर ध्यान दें, बाजारू खाने और विशेष रूप से तले भुने जंकफूड से परहेज़ करें।
 

कल्याण रेलवे स्टेशन।
अध्यापक दिवस पर मास्टरी का पहला कर्म बहुत अच्छा रहा। तीन लम्बी कक्षाओं के पश्चात संतुष्ट वापस लौट रहा हूँ।
आ नो भद्रा: क्रतवो यंतु विश्वत:।
अब एक उपन्यास पढ़ने जा रहा हूँ... मिलते हैं कल लखनऊ में :)
 

शहर - फिर घर बदलने के लम्बे डिस्टर्बेंस के बाद अपनी रचनात्मकता को समेट रही हूँ. कविताएँ मेरा मन नहीं भरतीं. आज एक छोटी कहानी पूरी की.
 

कांग्रेस विश्वास करने लायक है ही नहीं. विश्वास न हो तो अमर सिंह से पूछ कर देख लो.. :) #चुटकी
 
 
तारीफ करनी पड़ेगी पार्थिव पटेल की मम्मी की...जो उन्होंने इतनी ठंड में उन्हें खेलने के लिए बाहर भेज दिया!
 

फिल्‍मों की कमाई अरब तक पहुंची। कुछ सालों में यह खरब होगी और फिर सब कुछ खराब भी हो सकता है...सावधान !!!
 

राष्‍ट्रवाद एक निर्मम परिघटना है तथा राज्‍य बहुधा 'व्‍यापक हित' में अनैतिक रास्‍ते अपनाता है किंतु ये जो 2700 बेनाम कब्रें कश्‍मीर के मानवाधिकार आयोग को मिली हैं इसके बाद मुझे एकदम जायज जान पड़ता है कि घाटी के कश्‍मीरी खुद को 'पराए देश का गुलाम' समझें और आजादी की कोशिश करें
 

  • आज विसर्जन करना हैं ******
    कुछ यादों का , कुछ वादों का ****
    कल से होगी नई बाते ****
    अपनों की , कुछ सपनो की ****
 

अब पहाड़ों ने भी चलना शुरू कर दिया है.....ऊंट चाहे कितना भी थम थम के चलें....अब हौसले भी जग गए हैं....उड़ानें तो सदा से हौसलों की ही हुआ करती हैं....!!!!
 

शुभ रात रहे, शुभ प्रात रहे/ घायल न कोई जज़्बात रहे
सब रहें प्यार से जीवन में / क्यों घात रहे, प्रतिघात रहे
हर शख्स कहे क्या बात कही /कुछ ऐसी अपनी बात रहे
हम तोड़ें अपनी चुप्पी को/ भावों की मधुर बरसात रहे
मंजिल से पहले रुकें नहीं/ अपनी ऐसी शुरुआत रहे
यह जीवन अपना हो सुन्दर/ इस दुनिया को सौगात रहे
सब एक रहें सब मानुष हैं/ क्यों धर्म, जात औ पात रहे
बस हमें आपका प्यार मिले/ पंकज की इतनी बात रहे
 

इश्क और अश्क का बहुत पुराना नाता है,,
हर्फों पे मत जावो यारों दिल में यह चुभ जाता है ,,
 

  • दर्द दर्द है, ख्वाब ख्वाब है
    एक तू थी, एक आज है
    है यही दुआ परवरदिगार से
    रहे दर्द-ए-दिल कायम हमेशा
    गुजरता रहे आज भी, तू कारसाज है...CDS
 
 


लो फ़िर दे गया आदेश किसी को , कोई पाकिस्तानी आका ,
अजमल , अफ़ज़ल , को ज़िंदा रखो , करें रोज़ शहर में धमाका ....

आज फ़िर कई घरों के चिराग बुझ गए , मगर अफ़सोस कि एक भी सिसासतदान नहीं आ सका चपेट में
 

  • आजकल बस एक ही बात , इकदूजे से ,पूछें जेल के संतरी ,
    कित्ता स्कोर हो गया टोटल , अबे कितने आ गए मंतरी ....
 

बहिन जी का जुत्ती आया , धर के हवाईजहाज ,
विकीलीक्ज़ को आगरा भेजो , खोल दिहिस सब राज़ .....

अबे हाथी बीमार होगा त जेट से मंगा ली ..ई मे कौन जुलुम है हो ...
 
तो आज के लिए बस इतना ही ..............अपना ख्याल रखिएगा दोस्तों