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बुधवार, 28 दिसंबर 2011

यूं कुछ चेहरों का बतियाना , अक्सर दीवारों को जगाए रखता है







आइए देखें फ़ेसबुक पर चेहरों के बीच क्या कहा सुना जा रहा है ................
आज का ज्ञान :-
किसी महिला का यह कहना कि मैं ५ मिनट में तैयार हो कर आती हूँ और किसी पुरुष का यह कहना कि मैं तुम्हे ५ मिनट में वापस कॉल करता हूँ ... एक बराबर है !
 
 

शायद भारत दुनिया का ऐसा पहला देश होगा, जहाँ प्राथमिक स्कूल में बच्चे के पास "आकाश टैबलेट" तो होगा, लेकिन हगने के लिए शौचालय नहीं होगा…
शायद भारत दुनिया का ऐसा पहला देश होगा, जहाँ प्राथमिक स्कूल में बच्चे के पास "आकाश टैबलेट" तो होगा, लेकिन हगने के लिए शौचालय नहीं होगा… ======== मेरा गणित थोड़ा कमजोर है, "कपि"(ल) सिब्बल महोदय, क्या मुझे बताएंगे कि इस खिलौने पर आपने जितना खर्च किया है, उतने में कितने प्रायमरी टीचरों की कितने माह की तनख्वाह निकलती? ========= Good Evening… मित्रों… :)



  • कल लोकसभा में मनमोहनजी का प्रदर्शन शानदार व प्रभावी रहा. कोई व्यक्ति घंटों भावहीन मुद्रा में बिना हिले डूले कैसे बैठा रह सकता है?!!!! #चुटकी
     
     

    कांग्रेस मे आज भी एन डी तिवारी की हैसियत मलखान सिंह से ज्यादा है इस बात का इससे बड़ा सबूत और क्या होगा की आज तक डी एन ए जांच के लिए तिवारी का खून का नमूना अब तक नहीं मिला है |
     
     

    एक बन्दा नदी में डूब रहा था; बचाव की कोशिश कर रहा था तो उस के हाथ में अचानक एक मछली आ जाती है वो उस मछली को बाहर फेंक देता है और बोला,
    'मेरा बचना तो मुश्किल है जा तू तो बच'
     
     
    • विश्लेषक योगेंद्र यादव के अनुसार अन्ना हज़ारे का आंदोलन रोकने का कारण- अन्ना हज़ारे की तबीयत ख़राब होने के अलावा कहीं न कहीं इसके पीछे अपेक्षित जनसमर्थन न मिलना रहा होगा. (पूरा विश्लेषण जल्द ही बीबीसी हिंदी डॉटकॉम पर)
     
     

    इस मुद्दे ने चाहे देश को और कुछ दिया या नहीं दिया , इसका आकलन तो समय ही करेगा ,लेकिन यदि आज आम अवाम को ये महसूस हो रहा है कि आखिर क्या वजह है कि आज हमारे पास विश्व के सबसे अच्छे डाक्टर , इंजिनियर , खिलाडी , कलाकार और बहुतों के मुकाबले बहुत अच्छे नागरिक भी हैं तो फ़िर ..................जनप्रतिनिधि ????
     

    • उनके चेहरे की मासूमियत अमर सिंह की मासूमियत से मैच करती है और मैं मुलायम सिंह की तरह अपना गमजदा चेहरा पसंद नहीं करता इसलिए हमने मुहब्बत करना कैंसिल कर दिया.
      -अंजुले
       

      क्‍या ब्‍लॉगर ब्‍लॉगर लगा रखा है
      चिट्ठी के मजे को आसमान में उड़ा रखा है
      हम चिट्ठाकार हैं
      और चिट्ठी के खसम चिट्ठा से
      करते भरपूर प्‍यार हैं

      मित्रो बोलो हिंदी चिट्ठा भगवान की जय
       

      मुंबई के एमएमआरडीए मैदान में मेरी दुविधा.. कुछ की नजर में उठने, अन्ना को गिराना जरूरी है क्या ?
       
       

      लोकपाल बिल लोकसभा में पास तो हो गया लेकिन उसे संवैधानिक दर्जा देने के लिए जो बिल पेश किया गया वो लोकसभा में पास नहीं हो सका.राहुल गांधी ने इसकी मांग की थी तो क्या ये राहुल गांधी के लिए एक बड़ा झटका है.क्या सोचते हैं आप लोग ?????
       
     

    हम गुलाम होने लायक फिर हो गये हैं, आओ प्रभुओं..
    .
    न जंगी बेड़े से
    न दर्रा खैबर से
    इस बार आयेंगे
    तुम्हारे ही भीतर से वे..! ~दिनेश कुमार शुक्ल
     

    • अन्ना आंदोलन फेल नहीं हुआ है। इस आंदोलन ने राजनीतिकदलों को लोकपाल के सवाल पर एक मंच पर लाकर खड़ा कर दिया है। राज्यसभा में लोकपाल बिल पास होना चाहिए। सारा दारोमदार राज्यसभा पर टिका है। अन्ना ने 42 साल से बंद पड़े बिल को संसद में खुलवाकर सभी दलों की पोल खोल दी है। सामान्य से लोकपाल बिल से विपक्षीदल जिस तरह आतंकित हैं,यदि सख्त बिल आ जाता तो क्या होता ,सहज ही कल्पना कर सकते हैं।अन्ना ने आज ठीक समय पर अपना अनशन खत्म किया है। अंतिम काम तो संसद को करना है।कल लोकसभा ने बिल पास किया। अन्ना हजारे वस्तुतः राज्यसभा के अगले कदम का इंतजार कर रहे हैं।
     

    उड़ती चिड़िया को
    हसरत से देखती है
    पिंजरे की चिड़िया-आकाश में
    कैसी आजाद
    कैसी खुशहाल
    उड़ान बस उड़ान |
    मौसम की चिंता से मुक्त
    समय से दाना-पानी
    देखभाल,सुकून
    इतना सब-कुछ
    सिर्फ पिंजरे में रहने के लिए
    कितने मजे हैं- सोचती है चिड़िया आकाश की
    सोचती है चिड़िया आकाश की
    परों को हमेशा चलते रहना
    घर ना ठिकाना
    कुंआ खोदना पानी पीना
    बहेलियों से प्राण-भय,मौसम की मार
    चुभना सबकी निगाहों में
    इतना जोखम
    सिर्फ आजाद रहने के लिए
    उदास हो जाती है चिड़िया
    आकाश की
    उड़ती चिड़िया क्या जाने
    दुःख
    पंख ना फैला पाने का |
     

रविवार, 25 दिसंबर 2011

कुछ बतकहियां



इन दिनों दोस्त , फ़ेसबुक की दीवारों पर क्या कुछ कह सुन रहे हैं , आइए देखते हैं



आइबीएन ने एनडीटीवी की तरह सरकार की चमचागीरी न कर, कुछ बुराई क्‍या कर दी, मुकेश अंबानी उसकी औकात बताने की ठान ली है। मोटा भाई ने कहा है कि इस पूरे ग्रुप को खरीद लो। इसे कहते है मीडिया का सौदा। लोग पेड न्‍यूज पर हंगामा करते हैं, जहां तो संस्‍था ही पेड हो रही है।
 


आयोडेक्स मलिए..... काम पे चलिए...
 


मैं घोर संघ विरोधी हूँ मगर क्‍या किसी के संघ प्रचारक के भ्रष्‍टाचार विरोधी होने पर इस देश में पाबंदी है। अण्‍णा और संघ में रिश्‍ते की खोज में समय बरबाद करने वाले लोग सीधे सीधे भ्रष्‍टाचार पर बात क्‍यों नहीं करते ।
 
 


वह बात-बात पे जी भर के बोलने वाला
उलझ के रह गया डोरी को खोलने वाला
-बानी
 


कहीं पढ़ रखा था किसी प्रसिद्द व्यक्ति का कथन है>>>

"स्त्रियाँ दो तरह की होती हैं. एक वे जिन्हें देख कर सिर्फ देखते रहने का मन करता है और एक वे जिन्हें देख कर छूने का मन करता हैं."

उस प्रसिद्द व्यक्ति के प्रशंसकों से क्षमा मांगते हुए इसमें हम एक संशोधन करना चाहेंगे>>>
महाशय द्वारा बताईं गईं स्त्रियों के साथ-साथ एक और भी प्रकार होता है स्त्रियों का.."जिन्हें देख कर सिर्फ और सिर्फ डर के मारे भागने का मन करता हैं."

(एक बार उत्तर प्रदेश के तमाम राजनैतिक दलों और सत्ता पक्ष के मंत्रियों से पूछ कर तो देखो)
 
 


दीवार पर लगी तस्वीर में एक चेहरा खाली है
उसे इंतज़ार है बेसब्री से मेरे चेहरे का
और मुझे भी इंतज़ार है दीवार पर टंगने का
किसी की नज़र तो अपना समझ कर देखेगी मुझ को
और फिर कह देगी नज़रों से नज़रों की बातों को
ये बात और है कि सुनने के लिए मैं न होउंगा ज़मीन पर
हिलती तस्वीर ही कह देगी मेरी बात हवा के झोंकों पर
महसूस करना न करना उसकी मर्ज़ी है
बेज़बानों को इतना तो दर्द होता ही है

------यशवन्त माथुर



नाच गाना लड़ना झगड़ना बकना बहकना तड़पना ही रियलटी शो नहीं होता
देख रहा हूँ रियल रियलटी शो
स्टार प्लस पर


आज फिर एक्स नजर आई, किंग्सवे कैम्प (दिल्ली) में मेट्रो के पास से अपने दोस्त के साथ गुज़रती हुई...पहले से थोड़ी मोटी और पहले से थोड़ी और कांफिडेंट ...वाई के इतना कहते ही उछलते हुए सी ने पूछ...कौन था उसके साथ अ, ब या वही नॉर्थ ईस्ट वाला?
''तू पागल है क्या सी, जब वह सामने हो तो कहीं और नजर जाती है क्या????''
(एक्स-वाई की कहानी से)


Joke Of The Day = =
संविधान व लोकतंत्र की रक्षा हमारा काम: लालू


मुझे हमेशा से ये लगा है कि एक स्वस्थ लोकतंत्र के लिए ये जरुरी है कि कभी हम राजनीतिक परिस्थितियों से संतुष्ट न हो ,अगर ये असंतुष्टि नफरत की हद तक हो ,तो भी गुरेज नहीं करना चाहिए |मुख्या चुनाव आयुक्त एस वसई कुरैशी जब ये कहते हैं कि "आप लोकतंत्र को पसंद करें और राजनैतिकों से नफरत करें यह मुमकिन नहीं " तो मुझे ये बात हजम नहीं होती ,एक स्वस्थ लोकतंत्र के लिए जरुरी है हम नफरत की आग को भड़का के रखे और मौके दर मौके परिस्थितियों के हिसाब से आग को फूल में तब्दील करने की जादूगरी भी जाने


हमने देखा तो हमने ये देखा !
जो नहीं है वो खूबसूरत है !!

- जौन


हर आदमी के पास
होती है
थोड़ी-सी ताकत
थोड़ी-सी उम्मीद
थोड़ी-सी मोहब्बत
आओ
मिला दे हम
अपनी-अपनी ताकत,उम्मीद और मोहब्बत
जिससे बन जाए
एक नई दुनिया
सबके जीने के लायक |



डान को झेलना मुश्किल ही नहीं .. नामुमकिन है :-(

  • तुरंती अर्ज़ है-

    होने दो मंथन कोई तो हल निकलेगा
    अमृत निकलेगा या कोई गरल निकलेगा
    तप जाने दो स्वर्ण कलश सा दिखने वाला मौसम
    ये तो समय बताएगा पीतल है या कुन्दन निकलेगा
     
     


    सियासत ने सुना है , शतरंज़ की फ़िर नई बिसात बिछाई है ,
    दिन में सोने वालों , अब जागो कि, चुनावों की रात आई है ...
     

शनिवार, 3 दिसंबर 2011

अभी ना जाओ छोड़ कर, देव साहब ... कि दिल अभी भरा नहीं ...


२६ सितम्बर १९२३  - ०४ दिसम्बर २०११
मैं जिंदगी का साथ निभाता चला गया, हर फिक्र को धुंए में उड़ाता चला गया। जिस वक्त यह गाना लिखा गया और फिल्माया गया किसी ने नहीं सोचा था कि देव आनंद बालीवुड में इतनी लंबी पारी खेलेंगे जिसको दुनिया सलाम करेगी। 1946 से लगातार 2011 तक बालीवुड में सक्रिय रहने के बाद बालीवुड के इस अभिनेता ने लंदन में अंतिम सांस ली।
जब से यह खबर आई है हर कोई उनको अपनी अपनी श्रद्धांजलि दे रहा है ... चाहे वो ब्लॉग पर हो या फेसबुक पर ...  

सदाबहार अभिनेता देवानन्द को हार्दिक श्रद्धाँजलि...
Jo mil gaya usi ko muqaddar samajh gaya. jo kho gaya ... Shradanjali dev sahab. ..
आज सुबह् स्तब्ध करने वाली न्यूज़ आई..... देव साहब नहीं रहे.... सदाबहार, इस दुनियां का सबसे बडा स्टार नहीं रहा........ बस एक ही लाईन याद आ रही है....... मैं ज़िन्दगी का साथ निभाता चला गया...... एक भावपूर्ण श्रद्धांजलि.... 
अभी न जाओ छोड़कर..
देव आनंद नहीं रहे
आप भी इस महान अभिनेता को
श्रधांजलि दीजिये...
विश्वप्रसिद्ध ग़ज़ल गायक जगजीत सिंह के बाद अब सदाबहार अभिनेता
देवानंद के भी चले जाने से महफ़िल-ए-अदब का एक और चराग बुझ गया है .

यह मेरे लिए दूसरा झटका है, दोनों ही मेरे पसंदीदा रहे और दोनों को

मैंने ख़ूब चाहा, ख़ूब देखा -सुना . पर अफ़सोस...कि आज दोनों के लिए
... सिर्फ़ दुःख ही कर सकता हूँ .

परमपिता दिवंगत आत्माओं को चिरशांति दे



ओम शान्ति !

‎"गाईड" के जाने के साथ हिन्दी सिनेमा के एक युग का अवसान हुआ।

महानायक को विनम्र श्रद्धांजलि।
 

http://navbharattimes.indiatimes.com/articleshow/10976977.cms

navbharattimes.indiatimes.com
बॉलिवुड के सदाबहार ऐक्टर देवानंद नहीं रहे। देवानंद का निधन लंदन में हार्ट अटैक से हुआ। अपने आखिरी दम तक देवानंद बॉलिवुड में सक्रिय थे...

अभिनेता देव आनंद साहब के चले जाने का समाचार आज सुबह सुबह अमित तिवारीजी ने दिया..............क्या बोलूं? एक युग का अंत हो गया.लोग फिल्मे देखना पसंद करते हैं पर उनसे प्रेरित होने को सार्वजनिक रूप से नही स्वीकारते.
उम्र को अपनी सोच पर हावी न होने देना और जिंदादिली से जीना मैंने देव साहब से सीखा.जहाँ पचास तक पहुँचते -२ लोग अपने आपको बुजुर्ग,बुड्ढा मानने लगते हैं वहाँ उनका-देव आनंद साहब का- जीवन को न...ौजवानों की तरह जोश,खरोश,उमंग के साथ जीना मुझे हमेशा ऊर्जावान बनाता रहा.उनकी फिल्मों के गाने बहुत मधुर और खूबसूरत थे.एक गाना जो मेरे जीवन का दर्शन बन गया. धुप थी नसीब में तो धुप में लिया है दम,चांदनी मिलि तो चांदनी में सो लिए जो भी प्यार से मिला हम उसी के हो लिए............ मीरा ने भी तो मोहन को प्यार केबदले खरीद लिया.भगवान भी इस प्यार के कारण भक्त के हो गये और प्यार....खुद से,काम से..दोस्तों से...दुश्मनों से ,अपनों से गैरों से.आज नो टीयर्स...नो उदासी .अलविदा दोस्त ! वहाँ भी मस्त रहना और 'उन' तक अपनी झूमती चाल के साथ जाना.
भीतर के खूबसूरत उजाले से चेहरे को नुरानी करना मैंने तुम्ही से सीखा था राजू !

तन रहे न रहे, मैं रहूँगा.. मौत एक ख्याल है जैसे जिंदगी एक ख्याल है..न सुख है, न दुःख है न इंसान न भगवान..सिर्फ मैं हूँ.
Guide is no more..RIP 
 
 
Hari Jaipur shared a link.

hindi.webdunia.com
लंदन। भारतीय सिनेमा के सदाबहार अभिनेता देव आनंद का शनिवार देर रात दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। वे 88 वर्ष के थे। | Dev Anand Died, Dev Anand, Dev Anand करियर

वहाँ कौन है तेरा
मुसाफिर!
जाएगा कहाँ!!
दम ले ले घड़ी भर
ये छैयां, पाएगा कहाँ!!
वो छैयां, जिसे पृथ्वी कहते हैं, छोड़ चला ये महान कलाकार!!
 


 
 
अभी न जाओ छोड़ कर कि दिल अभी भरा नहीं ...
www.ndtv.com
Dev Anand, the 'Evergreen Romantic Superstar' of Indian cinema, has passed away here last night following cardiac arrest. He was 88. Dev Anand, who had come here for medical check up, was not keeping well for the last few days, family sources told PTI.

अभी न जाओ छोड़ कर कि दिल अभी भरा नहीं ...




जिसने सिखाया कि , इस ज़िंदगी रहे तब तक , जिंदगी से होड चले ,
लो बंद कर एक और पन्ना , दुनिया को देवानंद भी अकेला छोड चले
  

सभी सिने प्रेमियों की ओर से देव साहब को शत शत नमन और विनम्र श्रद्धांजलि !