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बुधवार, 24 जुलाई 2019

चेहरों ने कुछ कहा है



मेरे फेसबुक मित्रों के बेहतरीन स्टेटस ,कथ्य ,फोटो आदि को सहजने और उसे ब्लॉग जगत के साथियों तक पहुंचाने के उद्देश्य से इन्हें यहां साझा करता हूँ | आप भी देखिये की इन चेहरों के क्या कुछ कहा पढ़ा सुना देखा है। .........






किसका ये रंग रूप झलकता है जिस्म से,
ये कौन है जो मेरी रगों में उतर गया ?
~आलोक

सुन्दर गांव , सुन्दर घर - जहां हमारा बचपन गुजरा। सामने दोनों ओर वर्षा-बहार का पेड़ , उससे नीचे कनेर का पेड़ तो आप देख ही रहे हैं। जैसा कि मुझे याद है , इससे नीचे गेट के बिलकुल नजदीक दोनों ओर उड़हुल का पेड़ भी था। या फोटो बाद का है , तबतक किसी कारणवश पेड़ कट गया होगा। पीछे के बगीचे में तो फल-फूल देनेवाले बहुत सारे पेड़ थे।





ईस्क़ है
या है
टीस-
दिल, दिमाग़, बदन को एेंठता रहता है
इस बार
सारा का सारा
गुरूर
टूटा-फूटा क्यूँ लगता है
यूँ
जैसे
मिट्टी हुआ हो मेरा पूरा वजूद
चाहनेवालों
तुम में
है कोई कुम्हार सा ?
ज़रा सा
हाथ लगा दे
चक्करघिन्नी
चाक पे धर दे
जला दे आग में
भले फिर
मेरी कृति कह
अपना दावा कर दे
कोई मनाहट नहीं होगी
मैं चाहती हूँ
कि
बस
रूह को करार तो आये___!

बिमारी आपको गिल्ट फ्री कर देती है।
इतना सारा पढ़ना है, इतना लिखना है, योग के लिये जाना है, वाक के लिए जाना है । पूरे समय बज़र सा सर पर बजता रहता है। कोई नेटफ्लिक्स पर अच्छी फिल्म या सीरीज़ सुझाता तो रुआंसी सूरत से कह देती ,'समय ही नहीं है'....भले ही समय इधर उधर में ही बीत जाए ।
जो लोग कम बीमार पड़ते हैं, उन्हें बीमारी की समझ भी देर से आती है । संडे रात ही तय कर लिया, अब अगले हफ्ते से सारा रूटीन सुचारू रूप से अपनाउंगी। वरना बस "पर उपदेश कुशल बहुतेरे" ही सच होकर रह जायेगा। फिटनेस पर लिखने वाले को खुद भी गम्भीरता से अपनाना भी चाहिए।
सोमवार, सुबह लंबे वाक के लिए चली गई। थकान होने लगी तो सोचा, 'कल ट्रैफिक में तीन घण्टे ड्राइव किया है ।क्लच-ब्रेक करते पैर दुख रहे होंगे।' योगा में कुछ आसन ठीक तरह से नहीं हो पाए तब चिंता होने लगी , 'अब उम्र हावी हो रही है दो दिन के गैप में ही असर दिखने लगा। '

दोपहर को जब बुखार चढ़ा तब समझ मे आया 'अच्छा ! बेटे जी से वायरल का गिफ्ट मिला है।'
पर एक निश्चिंतता भी तारी हुई अब बिना किसी अपराधबोध के जो चाहे टी वी पर देखा जा सकता है ।चादर तानी,रिमोट उठाया और सोती जागती आँखों से एक के बाद एक पांच एपिसोड देख डाले। पहले एक फ़िल्म देखी ,'एलिज़ाबेथ' । फिर लगा इनका पूरा इतिहास जानना चाहिए। किताबों में तो बस फैक्ट्स लिखे होते हैं। यहाँ, चिट्ठियों, दस्तावेजों, तस्वीरों, वीडियो क्लिपिंग्स के साथ बड़े रोचक ढंग से सबकुछ बताया गया है।
एक चिंता ये भी हो रही थी, नवनीत खाली समय में ढूंढ ढूंढ कर जानकारीपूर्ण विडियोज़ देखते रहते हैं,मैं तो बहुत पीछे रह जाऊँगी 😀
खैर तो बीमारी एन्जॉय ही कर रही हूँ। अब ठीक हो रही हूँ तो फिर गिल्ट ट्रिप की यात्रा शुरू होने वाली है।😊





हैं यादों की गुफ़्तगू इनमें
ये पल मुक़र्रर हैं तेरे लिए...
चुरा रहा है...चोरी- चोरी
ये हसीन शाम का मंज़र इन्हें...




तेरा चुप रहना मिरे ज़ेहन में क्या बैठ गया
इतनी आवाज़ें तुझे दीं कि गला बैठ गया
-तहज़ीब हाफ़ी😊




भोला शंकर ने पूछा - महाराज , कुछ पुरातात्विक महिलायें ‘जय श्री राम’ को भड़काऊ और आपत्तिजनक बता रहे हैं !
हमने कहा - तो हम क्या करें ?
भोला बोला - नहीं , मेरा मतलब इस पर आपका क्या कहना है ?
हमने कहा - उनकी आपत्ति वाजिब है !
ये सुनते ही भोला के अंदर बजरंगी ज्वाला धधक उठी , फूँफकारते हुए बोला - क्या वाजिब है ?
हमने आरएमडी के मसाले और जर्दे की कर-नाटक सरकार को थूकते हुए कहा - अबे, अरण्य में लक्ष्मण ने यही उद्घोष कर इनके बुआ की नाक काटी थी !






Sagar Nahar is feeling loved.


याद है मुझको एक दिन तुमने नयन मूंद मेरे पूछा था
कौन हूं बोलो कौन हूं बोलो कौन हूं बोलो
मैंने कहा था तुम हो मेरी जीवन वीणा ज्यूं दीपक संग बाती
भूल न जाना लिखना पाती
-मधुकर राजस्थानी



- दीदी सब्जी बनाएं है का?
- बनाएं थे, लेकिन सब खत्म हो गया।।
- कोई बात नहीं, गुड्डू कोलगेट साथ रोटी खा लेगा, अच्छा लगता है उसको। मरजन्सी के लिए एक डब्बा एस्ट्रा रखते है कोलगेट, ओ भी लाल वाला।
- और गुड्डू के पापा?
- उनका का है? वो तो बर्फो साथ खा लेते है।


4 टिप्‍पणियां:

  1. आपकी लिखी रचना आज "पांच लिंकों का आनन्द में" गुरुवार, जुलाई 25, 2019 को साझा की गई है......... पाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!

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  2. गलती हेतु क्षमा
    आपकी लिखी रचना "सांध्य दैनिक मुखरित मौन" आज शनिवार 27 जुलाई 2019 को साझा की गई है......... "सांध्य दैनिक मुखरित मौन" पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!

    जवाब देंहटाएं
  3. बहुत शानदार प्रयास अलहदा पर बहुत खूब।

    जवाब देंहटाएं

पोस्ट में फ़ेसबुक मित्रों की ताज़ा बतकही को टिप्पणियों के खूबसूरत टुकडों के रूप में सहेज कर रख दिया है , ...अब आप बताइए कि आपको कैसी लगे ..इन चेहरों के ये अफ़साने