बहुत सिसकी थी
रोई
तडफी थी
और
ले आयी थी
सुई धागा
बड़े इत्मीनान से..
उस मासूम को
बोलो
फूट चुके गुब्बारे सिले नहीं जाते!!
JDU को लेकर कांग्रेस के अरमान उस छिछोरे लड़के की तरह है जो एक शादीशुदा महिला को चाहता है और मन ही मन दुआ कर रहा है कि उसका तलाक हो जाए।
अंत समय जब आएगा,
साथ नहीं कुछ जायेगा।
दौड़-दौडकर माया जोड़ी
हाथ रिक्त रह जायेगा :-(
अभी तो आग़ाज-ए-इश्क़ है जानां, अंजाम अभी बाकी है,
गुजारने हैं कई सारे दिन अभी, कई सुहानी शाम अभी बाकी है ।।
फिर तेरी ज़ुल्फ़ों की छाँव में हर शाम होती
गर ज़िन्दगी सिर्फ़ चिनारों का साया होती
देखते ही देखते दुनिया ना जाने ,
कहाँ से कहाँ निकल जाती है |
यहाँ कौन है __
जो किसी के बोझ को अपना समझ कर उठती है ?
हम आज अजनबियों के उड़ानों से ही भ्रमित है |
सभी यहाँ अपनी खुशी को ले कर परेशान है |
वही तुम वही हम फिर भी सब बदला सा है |
ना जाने कहाँ खो गया वो अपनापन और
ना जाने कहाँ खो गयी वो हमारी पहचान !
शायद येही तरक्की का आयाम है | - लिली कर्मकार
परिंदे को शिकारी ने ये कह कर कैद में डाला
चहकने की इजाजत तो है, पर आवाज मत करना.....
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शुभ रविवार मित्रों....
मैंने सब कुछ दे दिया अब हो गया अनाम
एक शाम लिख दो कभी तुम मेरे भी नाम.
पूछ लीजिये बेशक किसी से भी बेचैन
इन्सान मात खाता है सदा एतबार में
हिंदी फ़िल्मों में, ढलती उम्र के हीरो की फ़िल्मेंं जब फ़लाॅप हाने/कम मिलने लगती हैं तो वो मूर्ख अपने बचेखुचे पैसों से फ़िल्मों बनाने लगता है
छोटे पहलवान ने घंटो दिमाग दौडाया
सोचा आज सुधार दूंगा माँ बेटे को ...
कई घंटे मुगदर घुमाया
सोच सोच कर दिमाग का दही कर दिया '
फिर प्लास उठाया,
सोचा बिजली ही उड़ा देता हो उसके घर की
अकड़ता हुआ पहुचा
वो जो दिख गए सी बी आई को बगल में दबाये '
पैर छूकर नवाजिश की चला और चुपचाप चला आया
दिल के छाले
न कोई मरहम
सहते दर्द.
...(हाइकु)
दिल के किसी कोने में, वो प्यार आज भी है,
सावन की बूंदों में, वही खुमार आज भी है,
'बेशक' जिंदगी तेरे साथ की मुहताज नहीं,
'पर दिल' तेरे एहसासों का तलबगार आज भी है ... !!अनु!!
आज के लिए इतना ही , फ़िल मिलेंगे कुछ चेहरों और उनकी गुफ़्तगू से ...........
..आज की पंक्तियाँ श्मशान-स्थल पर बैठकर लिखी गईं.
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.आपका आभार !
उहां कौन तंतर साथ रहे थे माट साब
हटाएं...दोस्त की बुजुर्ग माँ नहीं रहीं !
हटाएंओह ! ऊं शांति शांति शांति । ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दे ।
हटाएंoh ho... Ajay bhai :)
जवाब देंहटाएंजियोह्ह.....मुकेश भाई :)
हटाएंबहुत ही बेहतरीन....लाजबाब.
जवाब देंहटाएंहां सच कहा आपने सब के सब बेहतरीन और लाजवाब मित्र हैं
हटाएंबेहद शानदार अजय जी आभार।
जवाब देंहटाएंसबसे शानदार तो आप सरीखे दोस्त मनोज भाई
हटाएंbhai hamre chehre par bhi likhiye kuch... baakiyon par badhiya likha hai...
जवाब देंहटाएंअमां ये वो दास्ता हैं है जो कुछ चेहरों ने बयां की है ,
हटाएंमैंने तो बस इक पैगाम , इस गांव भी , भिजवाया है ।
बहुत सुन्दर भाई | लाजवाब | एक एक लिंक अपने आप में कहानी बयां कर रहा है | सुभानाल्लाह |
जवाब देंहटाएंकभी यहाँ भी पधारें और लेखन भाने पर अनुसरण अथवा टिपण्णी के रूप में स्नेह प्रकट करने की कृपा करें |
Tamasha-E-Zindagi
Tamashaezindagi FB Page
क्या बात है …………क्या खूब अंदाज़ है :)
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