Shweta Sharma added a new photo.
बहुत ग़मगीन है ..
मामला बहुत संगीन है
सुना है बड़ी मेहनत से इस्तीफा लिख कर लाये थे
अगले ने फाड़ दिया ...
भ्रष्टाचारयुक्त सघन वातावरण में लालबहादूर शास्त्री निर्मलता का अनुभव देते है. विश्वास करना कठीन होता है कि उनका सम्बन्ध इसी कांग्रेस पार्टी से था. आज अखबार में शास्त्रीजी पर कोई विज्ञापन नहीं दिखा. क्या सरकारों की आँखों में अभी इतनी शर्म बची है कि वे ईमानदार प्रमं से कतरा रहे है. अगर ऐसा है तो समझिये उम्मीद अभी बची हुई है. गाँधी विरोधी तो मिल जाएंगे, शास्त्री विरोधी कम ही होंगे. अतः एक आध फोटो उनकी भी छपनी चाहिए, आज के दिन. #2 अक्टूबर
गाँधी के महिमा मंडन से ज्यादा ज़रूरी है गाँधी का पुनर्मूल्यांकन.
छोटा था लेकिन वो लोगों कद में बहुत बड़ा था/
छोटे छोटे कदम थे लेकिन डग में बहुत बड़ा था....
'जय जवान जय किसान' के अमर नायक लालबहादुर शास्त्री की स्मृति को प्रणाम!
'वो '
जानती थी,
'वक़्त' अपने घर लौट कर नहीं आता,
'उस' मोहिनी सी सूरत को,
अपनी आँखों में भर लेना चाहती थी वो,
उसे पता था,
'बेशक' वापसी के 'वादे हजार' थे,
'लेकिन' कोई रास्ता न था ...
चाहे, अनचाहे ,
'वो'
रोज ही दर्द बन कर,
उसकी आँखों से छलक पड़ता था,
उसका लौट जाना,
कभी मंजूर नहीं किया उसने,
जाने कितनी ही रातें
गुजारती रही वो,
उसकी हथेली की छुअन
अपनी हथेली पर महसूस करते,
अपनी बंद पलकों में
उसके सपने बुनते ...!!ANU!!
तेरे वादे पर हम ने भरोसा किया …,
कुछ तो उल्फत का तुम भी हक निभाया करो …;
हम भी हमराज़ हैं तुम भी हमराज़ हो …,
दिल की बात हमसे ना छुपाया करो ..!!!
युद्ध, त्रासदी और विनाश घातक रूप से सम्मोहित करने की क्षमता रखते हैं। दो महायुद्धों को झेल चुके यूरोप के साहित्य और कलाकर्मियों की रचनाओं में यह सम्मोहन प्रचुर उपलब्ध है।
लालू प्रसाद यादव को कैदी नंबर 3312 मिला!
सेकुलर होने के नाते उन्होंने जेल प्रशासन से 786 नंबर देने का आग्रह किया।
आज एक दिन,
अच्छा देखें!
अच्छा सुनें!
और अच्छा लिखें!
फेसबुक पर पेज बनाना चाहो तो क्या कैटेगरी चुने , ना हम पब्लिक फिगर हैं , ना रजिस्टर्ड राईटर… ब्लॉगर या होममेकर /गृहिणी का भी एक ऑप्शन होना चाहिए था !
किसी को सजा देनी हो तो उसकी सबसे प्रिये चीज़ उससे अलग कर दो.... बंदा किश्तों मे मर जायेगा..!
(ऐसे 'मर्डर' सिर्फ ईश्वर करते हैं, ये उनके न्याय का तरीका है...)
सच तो ये है कि मनमोहन अभी तक ये नहीं समझ पाये हैं कि 'देहाती औरत' कहकर नवाज शरीफ ने उनकी बेइज्जती की है या तारीफ...
बिना कहे तो वो कभी समझा नहीं
अब कहने पर समझ ले तो गनीमत ...era ~ET~
भला हो सरकार का नोटों पर बापू के फोटो है , वर्ना लोग आज याद नहीं कर पाते की ये अख़बार में छपी फोटो किसकी है ! गाँधी जयंती की शुभकामनाये !
विशेष - ठेके बंद है पर दारू मिल रही है !
यार ये दीपक चौरसिया तो बिल्कुल चिरकुट सा लगता है
अरे कोई तो इसे बताओ कि गरिमा भी एक शब्द होता है
जय जवान, जय किसान... जय हिन्द... शास्त्रीजी पर गर्व है।
ऐसे सशक्त नेतृत्व की आवश्यकता है। बिना रीढ़ वाली व्यवस्था से मन उचाट हो गया है।
वाह . .
जवाब देंहटाएंबड़े अच्छे लिंक मिले !
मजेदार..
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