फ़ेसबुक पर भी अंतर्जाल की एक दुनिया सक्रिय रहती है । ज्यादा प्रखर और ज्यादा तीव्र , मगर ब्लॉग की दुनिया से अलग ही चलती सी दिखती है । सोचा कि जब ब्लॉग पोस्टों को फ़ेसबुक पर डाल कर पढवाया जा सकता है तो फ़िर फ़ेसबुक को ब्लॉग पर क्यों नहीं लाया जा सकता है । बस इसी विचार से इन पोस्टों को आप तक लाने का मन बनाया , तो लीजीए देखिए ,आइए देखते हैं कि मित्र मंडली क्या पढ लिख रही है आजकल
पहले टीवी पर खूब समाचार देखता था,पर जब से ई गला-फाड़ प्रतियोगिता शुरू हुई है,सुनने में डर लगता है.अब ई समाचार डराता है !पहले तो अपराध की ख़बरों में ही चिल्लाते थे अब दुनिया के नाश को आतुर ये नामुराद बैक-ग्राउण्ड में 'रामसे-ब्रदर्स 'का संगीत बजाते हैं !
खुद ही सुबह बाबाओं को बुलाते हैं,शाम को बाबा की 'रंगीन' सीडी भी चलाते हैं.
अब इनसे कोई पूछे कि इन्हें किसलिए देखा जाये? ख़बरों के तईं तो कतई नहीं !
जिसे 25 रुपये लीटर पेट्रोल चाहिए, तुरंत संपर्क करें
प्रसिद्ध व्यंग्यकार भाई नीरज बधवार जी के फ़ेकिंग न्यूज़ पर
अभिषेक बच्चन, उदय चोपड़ा और रोहन गावस्कर...सफलता की कीमत सिर्फ सफल आदमी को ही नहीं चुकानी पड़ती बल्कि उसके बच्चों के रूप में बाद में देश को भी भुगतनी पड़ती है!
ई हैं अपने पिरेसान बाबू ..उर्फ़ प्रशांत प्रियदर्शी उर्फ़ पीडी , देखिए का बांच रहे हैं
मुझे C अथवा C++ का कोई भी प्रोग्राम किसी मुक्तकछंद से कम नहीं दिखता है.. कभी प्रेम रस में सराबोर तो कभी वीर रस में.. कभी कभी तो ऐसा लगता है जैसे for loop मानो ऐसा कह रहा हो जैसे for you.. जन्म-जन्मांतर का साथ हो.. continue के कार्यान्वित होने भर से ही एक उल्लास सा छा जाता है, कि यह कोड अभी छोड़ कर नहीं गया है, पुनः कार्यान्वित होगा.. वहीं Stack Overflow हो कर प्रोग्राम के क्रैश होने की तुलना मैं मृत्यु से करना चाहूँग
अपने तेवर के साथ ..श्री जय कुमार झा
दिल्ली की मुख्यमंत्री अब दिल्ली जलबोर्ड का नीजिकरण करने जा रही है....अब सवाल यह उठता है की सारा काम,दाम व व्यवस्था नीजि कंपनिया संभालेगी तो शीला दीक्षित जैसे लोग क्या मुख्यमंत्री इन कंपनियों द्वारा जो जनता का खून चूसा जायेगा उसमे दलाली खाने के लिए बनी है....मुख्यमंत्री व प्रधानमंत्री की उपयोगिता इस देश में समाप्त हो चुकी है अब ये लोग सिर्फ और सिर्फ देश व समाज को लूटने वालों से दलाली उसूल करने का काम भर करते हैं........
अभिषेक बाबू क्या लिखते हैं देखिए
ये तो सभी को लगता होगा, लेकिन मुझे तो हर बार घर जाने के बाद वहां से वापस आने का मन एकदम नहीं करता...और जिस दिन वापसी का ट्रेन होता है उस दिन सुबह से बहुत उदास रहता हूँ.....और फिर घर से चलने के कम से कम एक दो हफ्ते तक तो ये लगता ही है की घर वापस चला जाऊं....
अब कुछ अपनी उक्तियां भी ठेल दी जाएं ..
अरे सच में मुझे बहुत सारी विज्ञापन दाता कंपनियों ने अपनी एड के लिए संपर्क किया है , उम्मीद है कि अगली सीडी में आपको ..ये तो बडा टोइंग है के विज्ञापन भी सुनने को मिलें मेरी सीडी में ..: श्री अमर सिंह
तेल वृद्धि पर बोलते हुए कहा , हमने तो कहा ही था कि ओसामा जी के असामयिक निधन का प्रभाव भारत पर भी पडेगा ..श्री पिग विजय सिंह
अब तक देश ने जाने कितने ही तूफ़ान , सुनामी , बाढ , और भूकंप वेस्ट कर दिए .....कद्दू ...इनसे एक नेता तक तो मारा नहीं गया ...ये भी साले गरीबों पे ही जोर आजमाते रहे हैं
मुझे पता था , मनमोहन जी , मेरे द्वारा खाए पैसों की भरपाई के लिए कोई न कोई रास्ता निकाल ही लेंगे ..सुरेश कलमाडी
पेट्रोल पंपों पर भी आरक्षण व्यवस्था लागू होनी चाहिए ....मायवती (खबर सुनी है )
उत्तर प्रदेश में पेट्रोल के दाम बढने का रत्ती भर भी फ़र्क नहीं पडेगा ..सत्ता पक्ष ने सवारियों को हाथी की सवारी करने और विपक्ष ने सायकल पर चलने की व्यवस्था कराई है ......देखा इसे कहते हैं ....आपदा प्रबंधन ...जय हो बहिन जी की जय
तो बस आज के लिए इतना ही ...हैप्पी फ़ेसबुकिंग एंड हैप्पी ब्लॉगिंग
:) आप तो सच्ची में फेसबुक का एक आर्काइव बना रहे हैं यहाँ..
जवाब देंहटाएंफेसबुक के पोस्टों के साथ उस पोस्ट पर आये कमेन्ट को भी स्थान दें तो इस पोस्ट में चार चाँद लग जायेगा ..क्योकि कभी कभी पोस्ट से ज्यादा जानदार उसपर आये कमेन्ट होते हैं....ये प्रयास आपका अच्छा और एक नया प्रयोग है इसे लगातार बेहतरीन बनाने का प्रयास करें ये मील का पत्थर साबित होगा....
जवाब देंहटाएंआपकी सलाह और सुझाव के लिए शुक्रिया जय भाई , अब आगे से ऐसा ही किया जाएगा । मार्गदर्शन करते रहें
जवाब देंहटाएंसही है भाई ... लगे रहिये ...
जवाब देंहटाएंwaah bhaiyaa, meri bhi aapke is naye blog ke jariye muft ki publicity ho rahi hai :P
जवाब देंहटाएंlekin seriously, ye ekdam anokha aur shaandar blog banaya hai aapne :)
भाई,बहुत लिक्खाड़ और जुगाडू किस्म के हैं आप!ई परयोग साला बिलकुल हिट होई जाइ,हम कहे देते हैं.बस इसे साप्ताहिक ही रखें नय तो हमरे लिए झाँकने की एकठो और परेशानी होइ जाई !
जवाब देंहटाएंहैप्पी फ़ेसबुकिंग एंड हैप्पी ब्लॉगिंग
जवाब देंहटाएंkripya aap bhi mera blog subcrib karne ka kast karen
जवाब देंहटाएंthanx again
Thanks
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