जिनको दुनिया की निगाहों से छुपाए रखा,
जिनको एक उम्र कलेजे से लगाए रखा,
दीन जिनको, जिन्हें इमान बनाए रखा।
तूने दुनिया की निगाहों से जो बचकर लिखे
साल-हा-साल मेरे नाम बराबर लिखे,
कभी दिन में तो, कभी रात को उठकर लिखे।
तेरी खुशबू में बसे खत, मैं जलाता कैसे?
प्यार में डूबे हुए खत,मैं जलाता कैसे?
तेरे हाथों के लिखे खत,मैं जलाता कैसे?
तेरे खत आज, मैं गंगा में बहा आया हूं...
आग बहते हुए पानी में लगा आया हूं।
(बहुत याद आओगे आप....)
जब तक हाथ में काम था,
तब तक दिल को आराम था
अब जब आराम से लेटा
तो पाया
तुम्हारे गीत रह रह के
जहन में आ ही जाते हैं
अब तुम नहीं गाओगे
फिर कभी अपनी गजलों को
ये सच्चाई बता कर
दो आंसू रुला ही जाते हैं
आप को क्या समर्पित करूँ आप तो स्वयं ही जग को जीत चुके थे
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तेरी आवाज़ , से लिपट कर, हाय कितना रोए मीत मेरे ,
उदास शाम अब कटेगी कैसे ,तू कहां गया जगजीत मेरे ...
hindi gazal ki ek kadi tut gayi,
जवाब देंहटाएंhriday ki shiraon me sama jane wale aawaj ke jadugar hamshe ruth gaye,
is khudgarj ki dard bhari duniya se ruh unki chhut gayi.