इन दिनों कमाल धमाल रूप से ब्लॉगिंग् में और कहें कि ब्लॉग पोस्टों में इस बात की खूब चर्चा हो रही है कि फ़ेसबुक की तीव्रता और उसकी आक्रामक शैला ने कहीं न कहीं ब्लॉगिंग से उसके धुरंधरों को खींच कर अपनी तरफ़ कर लिया है । जो कभी दिन रात ब्लॉगिंग में रमे उलझे रहते थे अब फ़ेसबुक पर लगाता स्टेटस अपडेट और बहस विमर्श , बतकुच्चन , और टिप्पणियों में व्यस्त हैं । हमने यही सोच कर तो इस ब्लॉग को बनाया था , तो चलिए देखते हैं कि हमारे अंतर्जालिए दोस्त फ़ेसबुक पर आज क्या पढ देख लिख कह रहे हैं ……………
Parveen Chopra मैंने इस लिट्टी चोखे के बारे में इतना सुन लिया है..विनोद दुवा के शो में भी ...और भी बहुत जगह पर। मुझे इसे खाने की बहुत इच्छा है। काश, मैं इसे खा पाऊं .... मिलेगा तो दिल्ली में ही मिलेगा। वैसे यह जो खाकी रंग की चीज़ दिख रही है, यह क्या है, यह तो मीठी होगी?
कुछ दिन हुए मेरे फोन से सारे कॉन्टेक्ट डिलीट हो गए हैं. अभी मेरे फोन में सिर्फ उनका ही नंबर है जिनसे मुझे बात करनी थी या फिर उनके जिन्हें मुझसे बात करनी थी. सो कृपया उलाहना देना बंद करें कि मैंने उनसे उनका नंबर नहीं माँगा या उन्हें पिछले कुछ दिनों से फोन नहीं किया. क्योंकि इतने दिनों में वे सभी उलाहना देने वाले भी तो मुझे फोन नहीं किये हैं, जरूरत तो आपको भी मेरी नहीं थी!!
मेरा यह स्टेटस उनके लिए नहीं है जिन्हें इस बात की समझ है, और जिन्हें यह पढ़ कर बुरा लग रहा हो, मुझे उनकी परवाह नहीं है.. आजिज आ चुका हूँ ऐसे उलाहने सुन-सुन कर.
तो आज के लिए इतना ही ...अब मिलेंगे कल कुछ और चेहरों के साथ
इस विधा के तो आप ही माहिर हो ... चहेरो की जुबान आप से ज्यादा कौन पढ़ सकता है ... खूब सुनाई आपने इन चहरों की दास्तान !
जवाब देंहटाएंआपकी नज़र क्या कहने
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